कल 12 मार्च तक सुप्रीम कोर्ट में देनी होगी डिटेल्स.
इलेक्टोंरल बॉन्ड पर सुनवाई के दौरान भारतीय स्टेट बैंक को बाद झटका लगा है ,सोमबार को हुई सुप्रीम कोर्ट मे सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (SC) ने एसबीआई को कल तक यानि 12 मार्च तक ही डिटेल्स मांगी है ।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में SBI की सभी दलीले फैल हो गई ,कोर्ट ने सभी दलीलों को खारिज करते हुए 12 मार्च तक ही सारी डिटेल्स देने का आदेश दिया है इससे पहले एसबीआई ने सर्वोच्च न्यायालय से और भी वक्त मांगने की गुहार लगाई थी जिसको अदलत् ने खारिज कर दिया और कल तक 12 मार्च तक डिटेल्स देने का आदेश दे दिया है।
कोर्ट ने कहा कि परेशानी कहा है ?
सुनवाई के दौरान जब एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से और वक्त देने की बात की गई तो कोर्ट ने कहा कि दिक्कत कहा आ रही है ?आपके पास तो तो सील बंद लिफाफा है उसे खोलो और आँकड़े उपलब्ध कर दो । एसबीआई के वकील हरीश शॉलवे ने कहा कि हमने टाइम की मांग की है कि हमें “ आँकड़े देने मे कोई दिक्कत नहीं है लेकिन उन्हे व्यवस्थित करने मे कुछ समय लगेगा ।
इसके पीछे कारण बताते हुए उन्होंने कहा की ये हमें पहले से ये बोला गया था की ये गुप्त रहेगा इसलिए बहुत काम लोगों के पास ये जानकारी थी, और बॉन्ड के खरीदने की डिटेल्स जैसे बॉन्ड खरीदने वाले का नाम और तारीख कोड की गई है , जिसे डि कोड करने मे थोड़ा वक्त लगेगा ।
एसबीआई ने डिटेल्स ना दे पाने के पीछे बताया कारण :
एसबीआई की तरफ से पेश हुए वकील हरीश शॉलवे ने कहा की बॉन्ड खरीदने की तारीख और बॉन्ड का नंबर भी देना होगा । इस पर CJI ने पूछा कि जब फैसला 15 फरवरी को सुनाया गया था तो आज 11 मार्च तक फैसले का अनुपालन क्यू नहीं किया गया ?
सुप्रीम कोर्ट के इस सवाल के जवाब मे हरीश शॉलवे ने बोल कि हम पूरी सावधानी वरत रहे हैं ताकि कोई गलत जानकारी देने के लिए हम पर कोई मुकदमा दर्ज ना हो जाए । इस पर जस्टिस खन्ना ने कहा कि इसमे मुकदमे की क्या बात है ?आपके पास सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं ।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) D.Y. CHANDACHURN. ने आदेश देते हुए कहा कि कैश कराने की जानकारी भी अलग से राखी है और दोनों को मिलाना कठिन काम है । 22 हजार से अधिक चुनावी बॉन्ड साल 2019 से 2024 के बीच मे खरीदे गए ।
सेट्स के आँकड़े होने के चलते इसके कुल आंकड़ा 44 हजार से अधिक है ऐसे में दोनों में मिलान करने में समय लगेगा हम आवेदन खारिज कर रहे है और चुनाव आयोग 15 मार्च तक उसे प्रकाशित करे और एसबीआई कल 12 मार्च तक आँकड़े दे और साथ ही हम अभी भी एसबीआई पर आदेश की अवमानना के लिए कोई कार्यवाही नहीं कर रहे है, पर यदि अब आदेश की अवमानना की गई तो हम एसबीआई पर अवमानना का मुकदमा चलाएंगे ।