विजय शेखर शर्मा ने दिया Paytm payment bank के चेयरमैन पद से इस्तीफा:

RBI (भारतीय रिजर्व बैंक ) के कड़े एक्शन के बाद Paytm के चेयरमैन विजय शेखर शर्मा ने Paytm payment bank के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है ;

RESERVE BANK OF INDIA के एक्शन के बाद Paytm payment bank में उतार चढ़ाव का क्रम लगातार चालू है |

आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक ) के लगाए गए वैन के बाद से Paytm कंपनी के हालात दिन प्रतिदिन खराब होते जा रहे है । कंपनी के ऊपर बहुत ज्यादा प्रेशर है की वह निवेशकों का विश्वास बनाए रखे और साथ ही कंपनी के अंदर हो रही उठा पटक से अपने कर्मचारियों को कैसे समझाए । इसके चलते ही Paytm payment bank के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है विजय शेखर शाम ने .

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने जारी किए है Paytm को निर्देश :

Paytm पेमेंट बैंक का इस्तेमाल 15 मार्च से बंद होने के बाद से ही ग्राहकों में चिंता है इसलिए ग्राहकों और मर्चेन्ट (व्यापारियों ) को अपने Paytm UPI को किसी और बैंक से लिंक करना होगा ।

प्राप्त जानकारी के अनुसार Paytm की पेरन्ट कंपनी PAYTM- one97 communications Ltd. इसके लिए 4 -5 banks के संपर्क मे है तथा साथ ही rbi ने Paytm की UPI सेवा को जारी व बरकरार रखने के लिए NPCI को जरूरी कदम उठाने के निर्देश भी दिए है ।

पेटीएम पेमेंट्स बैंक के सीईओ सुरिंदर चावला ने कहा, नए बोर्ड सदस्यों की विशेषज्ञता “हमारे शासन ढांचे और परिचालन मानकों को बढ़ाने, अनुपालन और सर्वोत्तम प्रथाओं के प्रति हमारे समर्पण को और मजबूत करने में हमारा मार्गदर्शन करने में महत्वपूर्ण होगी”।

लगातार गैर-अनुपालन और पर्यवेक्षी चिंताओं को लेकर भुगतान बैंक पर आरबीआई की कार्रवाई के बीच यह निर्णय लिया गया है।

बैंकिंग नियामक ने फिनटेक फर्म को 29 फरवरी के बाद अपनी बैंकिंग गतिविधियों को रोकने का आदेश दिया था और बाद में समय सीमा 15 मार्च तक बढ़ा दी थी।

आरबीआई ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान में कहा, “व्यापक सिस्टम ऑडिट रिपोर्ट और बाहरी ऑडिटरों की बाद की अनुपालन सत्यापन रिपोर्ट ने बैंक में लगातार गैर-अनुपालन और निरंतर सामग्री पर्यवेक्चताओं का खुलासा किया, जिससे आगे की पर्यवेक्षी कार्रवाई की आवश्यकता हुई।”

आरबीआई के एक्शन के बाद कंपनी के शेयर लगातार नीचे गिरते चले जा रहे है इससे कंपनी मे काफी चिंता का माहोल है और विजय शेखर शर्मा कंपनी में सबसे ज्यादा शेयर रखने वाले व्यक्ति है ।

ज्ञानवापी केस :

ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पछ को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बाद झटका लगातार होती रहेगी तहखाने मे पूजा :

ज्ञानवापी के तहखाने में होती रहेगी पूजा :

इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा मुस्लिम पछ की याचिका खारिज करते हुए ज्ञानवापी परिसर के तहखाने मे होने वाली

पूजा पर रोक लगाने से मना कर दिया गया है :

ज्ञानवापी मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है , मुस्लिम पछ की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि हिन्दुओं को ज्ञानवापी की तहखाने में पूजा पर रोक नहीं लगाई जाएगी और साथ ही वाराणसी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के फैसले के अनुसार वह अभी पूजा जारी रहेगी :

ज्ञानवापी मस्जिद के प्रबंधन की कमेटी की याचिका को को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया और बताते चले कि हाल ही में वाराणसी जिला कोर्ट द्वारा वह पूजा की अनुमति मिलने के बाद ही हिन्दू पछ ने वह पर पूजा आरंभ की थी .

इससे पहले ही वाराणसी की जिला अदालत ने हिन्दुओं के पछ में फैसला सुनाया था जिसके विपरीत ही मुस्लिम पछ इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंचा था , हालांकि हाई कोर्ट से भी मुस्लिम पछ को निराशा ही हाथ लगी है :

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हिन्दुओं के अधिकार को सुरचित और बरकरार रखा है और साथ ही मुस्लिम पछ के पास अभी भी सुप्रीम कोर्ट जाने का मौका है जिसे वो हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती सुप्रीम कोर्ट में दे सकते है |

हाई कोर्ट ने दोनों पछो हिन्दू और मुस्लिम की दलीलों को सुनकर ही फैसला सुनाया है क्योंकि अंजुमन इंतजमिया कमेटी की तरफ से वाराणसी कोर्ट के आदेश को इलाहाबाद कोर्ट मे चुनौती दी गई थी और पूजा को स्टे लगाने की मांग की थी .

आदेश के बाद ही खोला गया था तहखाना ;

बताते चले कि ज्ञानवापी मस्जिद की के सर्वे के बाद तहखाना खोल दिया गया था । जिसके बाद 31 जनवरी के बाद ही यहाँ पूजा के लिए ओपन कर दिया गया था ।

क्या है ज्ञानवापी विवाद और मुस्लिम पछ की अदालत से क्या मांगे थी ;

दरअसल पूजा शुरू होने से पहले हिन्दू पछ का दावा था कि नवंबर 1993 से पहले तहखाने मे पूजा पाठ को उस टाइम की सरकार ने रुकवा दिया था जिसको शुरू करने का पुन: अधिकार दिया जाए वही मुसलिम पछ प्लेस ऑफ वर्शिप ऐक्ट का हवाला देते हुए इस याचिका को खारिज करने की मांग कर रहा था; लेकिन कोर्ट ने मुस्लिम पछ की याचिका को खारिज कर दिया और हिन्दू पछ को पूजा का अधिकार दे दिया