Happy Dussehra 2023 date and time देखे

दशहरा मुहूर्त दिन और तारीख

इस साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 23 october सोमबार के दिन शाम 5 बजकर 44 मिनट से शुरू होगा और इसका समापन 24 october मंगलबार को दोपहर 3 बजकर 14 मिनट पर होगा ।

इस दिन शस्त्र पूजा का शुभ समय दोपहर 1 बजकर 58 मिनट से दोपहर 2 बजकर 43 मिनट तक है

दशहरा क्या है ?

दशहरा हिन्दू (सनातन ) धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, दशहरा को विजयादशमी तथा आयुध -पूजा के नाम से भी जाना जाता है ।

दशहरा का त्योहार हर वर्ष आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है । इस वर्ष दशहरा का पर्व 24 अक्तूबर 2023 को

को मनाया जायेगा ।

दशहरा क्यों मनाया जाता है ?

दशहरा या विजयादशमी (आयुध – पूजा ) का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है । इस दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध करके बुराई का अंत किया था और अच्छाई की स्थापना की थी तथा देवी दुर्गा ने नौ रात्रि एवं दस दिन के युद्ध के उपरान्त महिषासुर पर विजय  प्राप्त की थी। इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। इसी कारण इस दशमी को विजयादशमी के रूप में मनाया जाता है ।

श्री राम को मिले 14 वर्ष के वनवास के दौरान लंकापति रावण ने माता सीता का अपहरण कर लिया था। उसके बाद जब भगवान श्री राम को माता सीता के अपहरण के बारे में पता चला तो श्री राम ने हनुमान को सीता जी की खोज करने के लिये भेजा , और तब हनुमान जी ने माता सीता का पता लगाकर राम को पूरी जानकारी दी उसके बाद हनुमान ने रावण को समझाया की वह माता सीता को सम्मान सहित प्रभु श्री राम के पास भेज दे लेकिन रावण ने हनुमान की बात नहीं मानी और अपने अहंकार और घमंड के कारण वापस भेजने से इनकार कर दिया ।

उसके बाद राम ने रावण से युद्ध करने का निश्चय किया और सीता को मुक्त कराने का फैसला किया, तथा उसके बाद राम और रावण के बीच घमासान युद्ध हुआ और रावण का वध किया ।

जिस दिन रावण का वध हुआ उस शारदीय नवरात्र की दशमी तिथि थी तथा इसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है ।

विजयादशमी

मां दुर्गा ने किया था महिषासुर का वध

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एक महिषासुर नामक राक्षस था जिसने ब्रह्म जी की उपासना करके वरदान प्राप्त किया कि सम्पूर्ण पृथ्वी पर कोई भी उसका वध नहीं कर सकेगा और इस वरदान की शक्तियों का गलत प्रयोग करके पृथ्वी पर हाहाकार मचा दिया तब ब्रह्म ,विष्णु महेश ने अपनी शक्ति से दुर्गा माँ का सर्जन किया था और फिर माँ दुर्गा और महिषासुर के बीच 9 दिन तक मुकाबला चला और फिर 10वें दिन माँ दुर्गा ने महिषासुर का वध कर दिया ।